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मैं समय हूं, सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग, सबके इतिहास का मैं गवाह रहा हूं। देवों, दानवों, मानवों की जीवनशैली, रहन-सहन और कर्म-दुष्कर्म का हिसाब भी है मेरे पास।
कलयुग में हो रही काली करतूतों का काला चिट्ठा मैं संजोकर रखता हूं। अन्य युगों में तो ऐसे दानव हुए ही नहीं, जैसे इस युग में हुए हैं। विदेशों में काला धन जमाकर, सत्ता की कुर्सी पर बैठकर इठलाते हुए, गरीबों के हक का खून चूसकर अमानुष को भी पीछे छोड़ देते हैं। शिवजी ने एक भस्मासुर पैदा किया, लेकिन कलयुग में तो हर जगह भस्मासुर रक्तबीज की तरह बढ़ते जा रहे हैं।
मैं हड़बड़ाकर उठा, ये अचानक महाभारत सीरीयल में सुनाई देने वाली भारी-भरकम आवाज मेरे सपने में कैसे ? काफी देर तक सोचता रहा, फिर मैं तैयार हो कर दफ्तर के लिए निकल पड़ा। दफ्तर पहुंचते ही सामना हुआ राजेश्वर बाबू से। आंखों पर चश्मा चढ़ाए हुए वे अपनी ड्यूटी के वक्त भी दिन भर मुंह में पान का बीड़ा भरे रहते थे और भैंस की तरह जुगाली करते रहते थे। जैसे ही मैं दफ्तर पहुंचा, उन्होंने अपनी खीसें निपोरते हुए कहा- क्या भाई साहब, आज तो आप खूब जंच रहे हो। मैंने कहा - कुछ खास नहीं, सब सामान्य है, तुम बताओ, खुशी से इतने काहे फूले जा रहे हो भई, कोई लाटरी लग गई क्या ? राजेश्वर बाबू किसी फिल्म के निर्देशक की भांति गंभीर होते हुए बोले - देखो भई अंतर्राष्ट्रीय परिदृष्य देखो, क्या तुम्हें नहीं लग रहा है कि देश में इन दिनों काफी बदलाव आ रहे हैं। मैंने कहा - इसमें क्या खास बात है। हाथ नचाते हुए वे बोले - अरे वाह, दुनिया भर की लिखते हो, तुम्हें इतना भी नहीं मालूम कि फिर से एक बार शिवजी-भस्मासुर वाली कहानी रिपीट हो गई। एक बार भस्मासुर को शिवजी ने वरदान दे दिया था, जिसके सिर भी हाथ रखोगे तो वह भस्म हो जाएगा। उसके बाद भस्मासुर का दिमाग फिर गया और वह शिवजी को ही कल्टी करने में भिड़ गया था। ऐसे ही दुनिया के सबसे मोस्ट वांटेड लादेन भाई साहब को अमेरिका ने खूब शह दी, बाद में जब उसने अमेरिका के सिर पे हाथ रखकर उसे भस्म करना शुरू किया, तो क्या हुआ, देख लिया।
मैंने भी अपना ज्ञान बघारते हुए उसे बताया, अरे तुम्हें मालूम नहीं, लिट्टे का सच भूल गए क्या, जिसने उन्हें शह दी उसे ही मिटाने चले, बाद में प्रभाकरण का क्या हुआ ? सबक यही है कि भस्मासुर बनने की कोशिश न करो। राजेश्वर बाबू ने फिर से एक तीर छोड़ा - लेकिन भाई साहब, एक बात समझ में नहीं आई कि आखिर लादेन को समुद्र के अंदर काहे दफनाया गया ?
मैंने अपने ज्ञान चक्षुओं को मिचकाया, फिर कहा, अरे बांगड़ू, रामसे ब्रदर्स की फिल्म नहीं देखी है क्या ? जिस तरह भूत-पिशाच को मारकर दफनाने के बाद कुछ तांत्रिक उसे फिर से जिंदा कर देते हैं और वह फिर से आतंक मचाने लग जाता है। उसी तरह अगर कल को लादेन के पनाहगार, खैरख्वाह उसे जिंदा करने लग भी गए, तो उसका कोई फायदा नही होगा।
यही तो महामहिम ओबामा की चतुराई है, जिसने रामसे ब्रदर्स की भूतहा फिल्मों से सबक लेते हुए आतंक के पिशाच लादेन को गहरे समुद्र में इसलिए दफना दिया, कि अब अगर उसे किसी ने जिंदा भी कर दिया, तोे पानी के उपर आकर सांस लेने से पहले ही उसका दम घुट जाएगा। यह सही है कि अभी आतंक के कई भूत-पिशाच बाकी हैं, लेकिन जैसे भूतकाल में सद्दाम निपट गए, वर्तमान में लादेन, भविष्य में फिर किसी भस्मासुर की बारी होगी।
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